भगवान शिव हिंदुओं के सर्वोच्च देवताओं में से एक हैं और उन्हें महादेव या नीलकंठ के रूप में भी जाना जाता है। भगवान शिव ही सृष्टि विधाता और संहार के देवता हैं, जो अपने भक्तों को जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त करने के लिए जाने जाते हैं। इस पोस्ट में हम भगवान शिव के महत्वपूर्ण पहलुओं, उनके पौराणिक कथाओं, प्रतीकवाद और भक्तों के बीच उनकी लोकप्रियता को जानेंगे |
भगवान् शिव को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे नटराज (natraj), अर्धनारीश्वर , पशुपति और महाकाल |
भगवान शिव को अक्सर ध्यान की मुद्रा में चित्रित किया जाता है, आमतौर पर पद्म आसन में। उनके शरीर पर भस्म (पवित्र राख) और सर्प लपेटा रहता है। शिवलिंगम, जो लिंग के आकार का एक प्रतीक है, भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है। यह पवित्र शिवलिंगम भगवान की रचनात्मक शक्ति, ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
भगवान शिव की पूजा न केवल भारत में बल्कि नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिजी सहित दक्षिणपूर्व एशिया के कई देशों में भी की जाती है। भगवान शिव के सम्मान में आयोजित सबसे बड़ा उत्सव महाशिवरात्रि है, जो हर वर्ष फरवरी या मार्च के महीनों में मनाया जाता है। भक्तगण उपवास रखते हैं, भजन गाते हैं, और देशभर के मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं।